1 मई को दुनिया के कैलेंडर में खास दिन होता है क्योंकि पूरी दुनिया इसे मजदूर दिवस (लेबर-डे) के रूप में मनाती है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि दुनिया भर के मजदूरों ने अनिश्चित काम के घंटों को आज के ही दिन 8 घंटों में तब्दील किया था। आज के दिन कई कंपनियों में छुट्टी रहती है।
विश्व के लगभग 80 देश आज के दिन लेबर-डे मनाते हैं और यह उनका नेशनल हॉलीडे होता है। आपको बता दें कि इस दिन की शुरुआत अमेरिका के मजदूर संघों की पहल से हुई थी। मजदूर संघों ने यह तय किया था कि वे दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे और अपनी यह बात मनवाने के लिए उन्होंने हड़ताल की।
मजदूर संगठनों की हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में एक बम धमाका हुआ जिसकी वजह से पुलिस ने गोली चला दी। गोलीबारी में कई मजदूरों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। इस घटना के बाद 1889 में यह ऐलान किया गया कि इस गोलीबारी में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाएगा और इस दिन सभी श्रमिकों की छुट्टी रहेगी।
हालांकि भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1923 में हुई थी। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने चेन्नई में इसकी शुरुआत की थी। उस दौर में इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था।
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